“चरन-कमल बंदौं हरि राइ, जाकी कृपा पंगु गिरि लंघै। अंधे कौ सब कछु दरसाइ, बहिरो सुनै मूक पुनि बोलै।। रंक चलै सिर छत्र धराइ, सूरदास स्वामी करुनामय। बार-बार बन्दौ तेहि पाई।।” हिन्दी साहित्य के सूर्य एवं भगवान श्रीकृष्ण के अनन्य उपासक संत #सूरदास जयंती की शुभकामनाएँ।

Image may contain: 1 person, text
Dekhta India

Contact For Release any article Mail: tusharrastogi7888@gmail.com

Post a Comment

Previous Post Next Post